बलों के समान्तर चतुर्भुज का सबसे अच्छा नियम

बलों के समान्तर चतुर्भुज का सबसे अच्छा नियम - 


               इस नियम को जानने से पहले यह जान लिया इस नियम का प्रयोग करते  कहा है तथा इससे कैसी 

प्रश्नो को हल किया जा सकता है  - समान्तर चतुर्भुज के नियम से कभी भी यदि दो बल परिमाण व् दिशा में संलग्न हो तथा उन दोनों बलो से समान्तर चतुर्भुज की भुजाए निरूपित हो रही हो तो हम यह से उनका परिणामी बल तथा दिशा  व दोनों बलो के साथ परिणामी का कोण निकाल  सकते है। 

             इस नियम के अनुसार -  " यदि किसी बिन्दु पर कार्य कर रहे दो बलो को दिशा और  परिमाण में एक समान्तर चतुर्भुज की दो संलग्न ( adjacent edges ) भुजाओ द्वारा निरूपित की जाये तो उन दोनों बलो का परिणामी समान्तर के उस विकर्ण द्वारा दिशा व परिमाण में निरूपित किया जाता है तथा परिणामी बल दोनों बलो के प्रतिछेद बिन्दु  से होकर जाता है। "

परिणामी का मान तथा दिशा      

        परिणामी का मान तथा दिशा ज्ञात करने की दो विधियो से ज्ञात किया जा सकता है। 
        1 -  गणनात्मक विधि अथवा वैश्लेषिक विधि -( Analytical Method )
        2 - ग्राफ़िय  विधि     -  ( Graphical Method )
इन  दोनों विधियों में हम लोग गणनात्मक विधि के बारे में जानेगे तथा इनसे हम कैसे परिणामी बल का मान तथा दिशा निकलते है।

 
परिणामी बल का मान व दिशा -

Case of resultant 


इस केसेस के माध्यम से हम कही भी इससे संबंधित प्रश्नो को हल कर सकते है
       इसके सहारे हम अधिकतम तथा न्यूनतम परिणामी बल का मान निकल सकते है। 
       केस नंबर 1 तथा केस नंबर 2 से 

नोट -  R    = P+Q  से परिणामी का मान अधिकतम 
          
          R    = P - Q से परिणामी क मान न्यूनतम होगा 

उदहारण - दो बल , जिंनका परिणाम 240 और 200 N है , एक बिन्दु O पर क्रियाशील है , यदि दो बलों के बीच                        का कोण 30 डिग्री है उनका परिणामी बल ज्ञात कीजिये तथा परिणामी का 240 N के साथ कोण या दिशा ज्ञात कीजिये। 

2 विधि ग्राफीय विधि -  
                           इस विधि में हम लोग किसी भी बिन्दु  O पर लगे दो बलो P  तथा Q  की क्रिया रेखाएं क्रमशः 
    OA  तथा OB का कोई भी उपयुक्त पैमाना मानकर ज्ञात कोण बना लेंगे। 
                            फिर OB के समान्तर AC तथा OA  के सामन्तर BC खिचिये।  
    इस प्रकार समान्तर चतुर्भुज OACB पूर्ण कर लेंंगे।    अब विकर्ण OC को मापकर माने हुए पैमाने की सहायता से वास्तविक मान ज्ञात कर लेंगे।  
    जो की परिणामी का वास्तविक मान होगा 
     परिणामी का झुकाव का भी बल P  के साथ मापकर ज्ञात कर सकते है। 


                                                           अगर कोई भी समस्या हो तो हमे कम्मेंट करे। हम पूरी तरह से                                                                             आपके साथ है। आप हमे मेल कर  सकते है। 
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