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Classification of Moments ( आघुर्णो का वर्गीकरण )

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Classification of Moments ( आघुर्णो का वर्गीकरण )  आघुर्णो के वर्गीकरण से सबसे पहले  जानेंगे की आखिर में वर्गीकरण होता है क्या    दोस्तों  में से बहुत कम लोग ही जानते होंगे वर्गीकरण के बारे में क्योकि अभी तक अधिकतम लोगो ने  यही बताया होगा की।  वर्गीकरण का मतलब  वह कितने परकार का  होता है।        दोस्तों ऐसा  बिलकुल भी नहीं होता है   -   वर्गीकरण   का मतलब होता है की  किसी भी पिण्ड में मौजूद गुणों को  और कितने रूपों  में देख सकते है।  या उन गुणों को कितने प्रकार से अध्ययन कर सकते है।               जैसे -  आघुर्णो का वर्गीकरण का मतलब यह हुआ की आघुर्णो के गुणों को कितने  रूपों में तथा  अलग - अलग पिण्डो में किस प्रकार से गणना कर सकते है।  अब समझते है आघुर्णो का वर्गीकरण -  इंजीनियरिंग दृश्टिकोण से महत्वपूर्ण  निम्न प्रकार के होते है  हम इसमें  तीन प्रकार   का मोस्ट देखंगे।...

Principle of Moment in Hindi आघूर्ण का परिभाषा हिंदी में

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Principle of Moment in Hindi  आघूर्ण का परिभाषा हिंदी में  हेलो दोस्तों आपको मेरे इस ब्लॉग्गिंग में आपको बहुत ही सरल भाषा में आधूर्ण को समझने को मिलेगा। तो आईये और अपने study को जारी रखिये।  परिचय ( Introduction )  जब किसी भी कण पर कोई भी बल कार्य करता है तो बल की दिशा में केवल एक ही प्रकार की गति उतपन्न हो सकती है।  सरल रेखीय गति    जिसे स्थानांतरण गति ( Traslatory Motin ) भी  कहते है।       परन्तु जब किसी दृढ पिण्ड पर कोई बल कार्य करता है तो उसके प्रभाव में सरल रेखीय या घूर्णन या दोनों प्रकार के गतिया एक साथ उतपन्न हो सकती है।       Note -  यदि कोई पिण्ड गति के लिए स्वतंत्र है तो पिण्ड में केवल सरल रेखीय गति उत्पन्न होती है और यदि पिण्ड  स्थिर है तो बल के कारण पिण्ड में केवल घूर्णन गति होगी तथा बल पिण्ड  की उस स्थिर बिन्दु के परितः घूमाने का प्रयत्न करेगॉ। यदि पिण्ड में दो बिन्दु स्थिर है तो , बल पिण्ड को , दोनों स्थिर बिन्दुओ को मिलाने वाली रेखा के पारित: घूमने का प्रयत्न्न करता है।  ...

How to use sign Conventions in mechanics

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 How to use sign Conventions in mechanics  ( यांत्रिकी में साइन संवहन का उपयोग कैसे करें या चिन्ह परिपाटी।  इससे पहले हम कुछ बाते समझते है    जब हम किसी बॉडी पर भार  लगते है तो बॉडी रिएक्शन बल तो लगाती ही होगी तो कौन सी बल किस दिशा से लग रहा है उसका हमे ज्ञान होता है तथा  उसको ही हम Pasitive या Negative   में लेते है।   इस स्थिति को हम दो दिशाओ में से होकर गणना करते है। अब ये दिशा हमारे घूमने की दिशा पर निर्भर करते है।  घूमने की प्रवृति के आधार पर बल आघूर्ण को दिशा के एक आधार दो प्रकार से होता है।  1 . दक्षिणावर्त आघूर्ण ( Clockwise Moment ) - यदि बल , पिण्ड को घडी की दिशा में ( Clockwise ) घूमने की प्रवृति रखता  है या घुमा  सकता है तो आघूर्ण कॉम दक्षिणावर्त होता है ऐसे ऋणात्मक (- ve ) माना जाता है।    जैसा की चित्र मे देख सकते है कोई धरन  या ( Beam ) है तथा टेक पर स्थिर है अब हम लोग जिस टेक के सापेक्ष  मान लीजिए हम लोग टेक  A  के सापेक्ष बल आघूर्ण ले रह है  तो भार W 1 तथा भार...

IIT MADRAS

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  IIT MADRAS Indian In Tami stitute of Technology Madras  ( IIT Madras )  is a public technical university  located in  Chennai,   Tami l Nadu   . As one of the Indian Institute of Technology   (IITs), it is recognized as an Institute of National Importance  and has been consistently rated as one of India's most prestigious universities.   Founded in 1959 with technical and financial assistance from the former government of West Germany  , it was the third IIT established by the Government of india .   IIT Madras is ranked the top engineering institute in India by the Ministry of Educations,  National Institutional Ranking Framework.  since its inception in 2016. IIT Madras is a residential institute that occupies a 2.5-square-kilometre (0.97 sq mi) campus that was formerly part of the adjoining Guaidy National Park . The institute has nearly 600 faculty, 10,000 students and 1,250 administrative and su...